जब देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का निधन हुआ, तो उनके बाद आजाद भारत की सत्ता कौन संभालेगा? इस सवाल को देश के हर शख्स ने महसूस किया होगा, लेकिन दो हफ्ते बाद भारत का अगला या दूसरा प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को बनाया गया। लाल बहादुर शास्त्री को उन दिनों लोग भारत के पूर्व गृह मंत्री के तौर पर जानते
उन्होंने देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लिया था। आजाद भारत के सपने को पूरा करने के लिए पढ़ाई छोड़ स्वतंत्रता संग्राम के रास्ते में चल पड़े और पहली बार 17 साल की उम्र में जेल गए। उनकी सादगी के कई किस्से हैं। लाल बहादुर शास्त्री की आज पुण्यतिथि है। 11 जनवरी 1966 में उनका निधन हो गया था।
हालांकि आज तक देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत किन परिस्थितियों में हुई ये आज भी रहस्य बना हुआ है। चलिए जानते हैं कि लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म महात्मा गांधी जी के जन्मदिन के दिन ही हुआ था। 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में जन्मे शास्त्री को बचपन में सब नन्हे कहकर पुकारते थे। डेढ़ साल के नन्हे के पिता के निधन के बाद उन्हें चाचा के साथ रहने के लिए भेज दिया गया। वह पढ़ाई के लिए मीलों दूर चलकर जाया करते थे। लेकिन देश की आजादी के लिए लड़ने का फैसला लेने वाले शास्त्री ने 16 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ दी। 17 साल की उम्र में जेल भी गए लेकिन नाबालिग होने के कारण आजाद हो गए।
शास्त्री जी की विनम्रता के किस्से
प्रधानमंत्री बनने के बाद शास्त्री जी किसी राज्य के दौरे पर थे लेकिन उनका दौरा आखिरी समय पर रद्द करना पड़ा। शास्त्री जी से उस राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ठहरने के लिए फर्स्ट क्लास की तैयारी की जा रही है, तो शास्त्री जी ने उनसे कहा कि वह तो एक थर्ड क्लास व्यक्ति हैं, उनके लिए फर्स्ट क्लास के प्रबंधन की क्या जरूरत।
लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी
ऐसे ही एक बार शास्त्री जी के बेटे ने उनके दफ्तर की गाड़ी का इस्तेमाल किया तो शास्त्री जी ने सरकार के खाते में गाड़ी के निजी इस्तेमाल का पूरा भुगतान दिया।
ये जानकर हैरानी होगी कि जब लाल बहादुर शास्त्री जी का निधन हुआ, तो उनके पास न तो घर था और न कोई जमीन जायदाद। उनके नाम पर एक लोन था, जो पीएम बनने के बाद एक फिएट गाड़ी खरीदने के लिए उन्होंने सरकार से लिया था। शास्त्री जी के जाने के बाद जब उनके परिवार से उस लोन का चुकाने को कहा गया तो उन्होंने परिवार को मिली पेंशन से लोन अदा किया।
लाल बहादुर शास्त्री का निधन एक रहस्य
11 जनवरी साल 1966 में आज के दिन लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया। शास्त्री जी का निधन उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुआ था। उन दिनों शास्त्री जी भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद के हालातों को लेकर समझौता करने के लिए ताशकंद में पाक राष्ट्रपति अयूब खान से मिलने गए थे। मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद अचानक उनकी मौत हो गई।
जबकि उनकी सेहत एकदम दुरुस्त थी। मौत की वजह हृदयाघात बताया गया। इतना ही नहीं, जब उनका पार्थिव शरीर भारत लाया गया तो प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उनके शरीर पर घाव के निशान थे। लेकिन उनकी मौत की जांच के लिए बैठी राजनारायण जांच समिति ने कोई वैध नतीजे नहीं दिए। संसदीय लाइब्रेरी में भी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री की मौत की जांच रिपोर्ट का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
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