सूरजमुखी की खेती कैसे करें और डबल मुनाफा कैसे कमाए

 सूरजमुखी की खेती कैसे करें और डबल मुनाफा कैसे कमाए

सूरजमुखी का फूल जितना ही ज्यादा देखने में आकर्षित लगता है उतना ही ज्यादा हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में भी काम आता है।

सूरजमुखी की खेती कैसे करें और डबल मुनाफा कैसे कमाए


अगर बात करें सूर्यमुखी के उपयोग के बारे में , तो सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है, अगर आप अपना ध्यान केंद्रित मुनाफे के सौदे पर कर रहे हैं तो यह एक बहुत ही ज्यादा मुनाफा देने वाला खेती है।


अगर बात करें इसके गुणों के बारे में, तो सूरजमुखी की खेती देश में पहली बार साल 1969 में उत्तराखंड के पंतनगर में की गई थी। यह एक ऐसी तिलहनी फसल है, जिस पर प्रकाश का कोई असर नहीं पड़ता, यानी यह फोटोइनसेंसिटिव है।


सबसे अच्छी बात तो यह सूरजमुखी की खेती के बारे में कि यह आप हर एक सीजन में उगा सकते हैं रबी, खरीफ और जायद हर समय इसकी उपज कर सकते हैं।


इसके बीजों में 45-50 फीसदी तक तेल पाया जाता है। इस के तेल में एक खास तत्व लिनोलिइक अम्ल पाया जाता है। लिनोलिइक अम्ल शरीर में कोलेस्ट्राल को बढ़ने नहीं देता है। अपनी खूबियों की वजह से इस का तेल दिल के मरीजों के लिए दवा की तरह काम करता है।


सूरजमुखी की बुवाई का सही समय


बुवाई का सही समय सदका महीना होता है अगर बात करें तो 15 जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक बुवाई के लिए अति उत्तम समय है। 


इस बात का भी खास ध्यान रखें कि ज्यादा ठंड होने की वजह से बीज में अंकुरण ना हो पाए क्योंकि अगर बीच में अंकुरण हो गई तो बुवाई और उपज दोनों ही अच्छी तरीके से नहीं हो पाएगी।


उन्नत किस्मों का 4 किग्रा (ई.सी.68415 सी) तथा संकर किस्मों का 1.5 से 2 किग्रा बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होता है।


एक बात अवश्य करें बुवाई से पहले आप सूरजमुखी के बीज को कम अंकुरण और ज्यादा उत्पादन के लिए 6 घंटे पहले ही पानी में डाल दें और फिर उसको सुखाकर फड़फड़ा कर ले।


बीजोपचार किसी फफूंदनाशी जैसे कैप्टान, थिराम, बैविस्टिन, काबेन्डाजिम आदि से अवश्य कर लें ताकि बीज जनित बीमारी न हो।


साथ ही बुवाई करने के बाद 20-25 दिन के बाद पहली सिंचाई करें और ध्यान रखें कि फूल आने तक नमी बरकरार रहे खेतों में। और 10 - 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहे।

Post a Comment

0 Comments